

भारत बंद के औचित्य पर सवाल
कहा जा रहा है कि बातचीत को लेकर दोनों ओर से समाधान निकलने की बात कही जा रही है। ऐसी सूरत में ‘भारत बंद’ का औचित्य नहीं है। यदि किसान अन्नदाता हैं, तो व्यापारी करदाता है, जिनका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है। राष्ट्रीय खजाने में व्यापारियों का योगदान कभी कम नहीं आंका जाना चाहिए। प्रवीण ने कहा कि अभी दिल्ली-यूपी और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस ने सख्त पहरा लगा रखा है। बेरिकेडिंग की वजह से सुबह और शाम को बॉर्डर पर जाम की स्थिति हो रही है। आम लोगों को आने जाने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्ड पर ज्यादा समस्या है। यहां भारी पुलिस फोर्स और किसानों को थामने का प्रबंध किया है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कोई असर नहीं
ऑटो रिक्शा, टैक्सी, माल वाहक वाहन रोजाना की तरह से सड़कों पर चल रहें हैं। ‘भारत बंद’ का दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कोई असर नहीं देखा गया। इसका सपोर्ट कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किया गया। हम ऑटो रिक्शा, टैक्सी और माल वाहकों के चालकों और मालिकों को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने ‘भारत बंद’ में हिस्सा नहीं लिया है। इन दिनों शादी-ब्याह का सीजन है। बाजारों में खरीदारों की भीड़ है। कोई भी व्यापारी सीजन में बिजनेस चौपट नहीं करना चाहता है। दिल्ली के बाहर से आने वालों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सभी को दो पैसा कमाने का अवसर मिल रहा है। आम जनों को गुमराह करने वालों को पहचाने की जरूरत है। किसानों की मांगों पर सरकार गंभीर है। बातचीत हो रही है। जल्द समाधान निकलेगा।
राजेंद्र सोनी, महामंत्री, दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ